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Low AMH Treatment in Hindi : लो एएमएच कारण, लक्षण और उपचार

Low AMH Treatment in Hindi लो एएमएच कारण, लक्षण और उपचार

AMH यानी एंटी-मुलरियन हार्मोन का निर्माण ब्लड में अपने आप होता है। जैसे कि इसका नाम हीं बताता है कि यह एक ‘हार्मोन’ है। यह हार्मोन गर्भस्थ शिशु के प्रजनन अंगों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा भी यह हार्मोन बहुत उपयोगी है। उम्र के साथ ही महिला और पुरुष में उसका स्तर अलग-अलग होता है।

AMH का स्तर मापने के लिए AMH टेस्ट किया जाता है, जिसके जरिए अंडाशय में अंडों की संख्या का पता लगाया जाता है। गर्भधारण करने में विफलता मिलने का एक कारण यह भी हो सकता है। कम AMH का (Low AMH in Hindi ) मतलब अंडे का निर्माण कम हो रहा है और उसकी गुणवत्ता खराब होती है। हालांकि ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में आज ऐसी कई तकनीक मौजूद (Low AMH Treatment in Hindi) हैं जिसके जरिए इसे ठीक किया जा सकता है।

Low AMH क्या होता है? (What is Low AMH in Hindi)

In this Article

AMH का स्तर में उम्र के साथ साथ कमी आती है। प्रजनन वर्षों में महिलाओं में AMH का उच्च सउच्च होता है। हालांकि मेनोपॉज या फिर किसी समस्या के चलते AMH स्तर में कमी आ जाती है। जिसकी वजह से गर्भधारण करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।  

आमतौर पर AMH का स्तर 1.0-4.0 ng/ml के बीच में होना चाहिए। अगर इससे कम हो तो यह बांझपन का भी एक संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर आपको AMH टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं।

Low AMH के कारण (Causes of Low AMH in Hindi)

लो AMH के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं।

1. उम्र का प्रभाव (Impact of Age on AMH Level)

महिलाओं की युवावस्था में AMH लेवल उच्च स्तर पर होता है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है AMH स्तर कम होने लगता है। मेनोपॉज में आते आते यह बहुत ही ज्यादा कम हो जाता है।

2. PCOS और लो AMH (PCOS and Low AMH)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की स्थिति में ओवरी असमान्य रूप से पुरुष सेक्स हार्मोन का उत्पादन करने लगती हैं, जिसकी वजह से AMH स्तर कम हो जाता है।

3. आहार और जीवनशैली (Diet and Lifestyle Impact on AMH)

प्रोसेस्ड फूड और एक्सेस फैट वाला डायट संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के साथ ही AMH के स्तर को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है। खराब डायट से मोटापा जैसी कई समस्या होती है प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है।

4. मेडिकल समस्याएँ (Medical Conditions Affecting AMH)

बढ़ती उम्र के अलावा कुछ महिलाओं के 20 और 30 वर्ष की उम्र में भी AMH का स्तर कम देखा गया है। इसकी वजह कुछ मेडिकल समस्या भी हो सकती है।

5. तनाव का प्रभाव (Impact of Stress on AMH Level)

कम AMH स्तर का एक कारण तनाव भी है। गर्भधारण करने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को तनाव से दूर रहना चाहिए। तनाव और मानसिक दबाव की स्थिति में गर्भधारण करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा आनुवंशिक, कैंसर ट्रीटमेंट, ओवेरियन सर्जरी, लाइफस्टाइल जैसे कारण भी कम AMH के कम लेवल के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

Low AMH के लक्षण (Symptoms of Low AMH in Hindi)

AMH लेवल कम होने पर निम्नलिखित संकेत दिखने पर तुरंत हीं डॉक्टर से संपर्क करें।

1. अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods and Low AMH)

AMH लेवल कम होने पर अनियमित पीरियड्स की समस्या हो सकती है। पीरियड्स असमय दौरान ब्लीडिंग समय से पहले या समय से ज्यादा तक चल सकता है। रक्तस्राव भी ज्यादा या कम हो सकता है।

2. कम उम्र में मेनोपॉज (Early Menopause and Low AMH)

मेनोपॉज में महिला का अंडाशय प्राकृतिक रूप से अंडे का उत्पादन बंद कर देता है लेकिन AMH लेवल कम होने पर कम उम्र में ही मेनोपॉज की स्थिति पैदा हो सकती है।

3. गर्भधारण में समस्या (Difficulty in Conceiving Due to Low AMH)

AMH के कम लेवल से गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है। गर्भधारण का सीधा संबंध अंडाशय से होता है जो अंडे का उत्पादन करने का काम करता है। AMH लेवल कम होने का प्रभाव अंडाशय पर पड़ता है।

4. ओवेरियन कैंसर का खतरा (Risk of Ovarian Cancer with Low AMH)

इस स्थिति में प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही AMH लेवल भी कम हो जाता है।

Low AMH स्तर का उपचार (Low AMH Treatment in Hindi)

कम AMH लेवल के संकेत दिखने पर डॉक्टर से परामर्श करें और उपचार के लिए भी डॉक्टर के हीं दिशानिर्देश का पालन करें। हालांकि निम्नलिखित उपचार भी AMH लेवल को सामान्य करने में फायदेमंद हो सकता है।

1. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes for Low AMH)

AMH लेवल को सामान्य करने के लिए कई प्राकृतिक उपचार किए जा सकते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में योगा, कसरत, एक्यूप्रेशर, फर्टिलिटी मसाज, हेल्दी डाइट, धूम्रपान से दूरी बनाकर भी AMH लेवल को फिर से सामान्य किया जा सकता है।

2. IVF उपचार (IVF Treatment for Low AMH in Hindi)

महिला के अंडाशय की अंडे पैदा करने की क्षमता से हीं गर्भधारण संभव हो पाता है। ऐसे में IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के जरिए गर्भधारण करना संभव है। IVF में अंडाशय में बचें अंडों की सीमित संख्या के साथ गर्भधारण करने में मदद मिलती है। हालांकि अंडे की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए।

3. डोनर एग का उपयोग (Use of Donor Eggs for Pregnancy)

अगर किसी महिला का अंडाशय अंडे का उत्पादन करने बंद कर देता है, या फिर कम गुणवत्ता वाले अंडे का उत्पादन कर रहा हो तो ऐसे में दाता एग (डोनर एग) का उपयोग कर गर्भधारण किया जा सकता है। इस ट्रीटमेंट में अच्छी गुणवत्ता वाले अंडो का उपयोग कर गर्भधारण संभव किया जाता है।‌

Low AMH से बचने के उपाय (Preventive Measures for Low AMH in Hindi)

लो AMH से बचने के लिए अपने आहार में निम्नलिखित चीजों को शामिल करना चाहिए।

1. हरी सब्जियां खाएं (Include Green Vegetables in Diet)

ब्रोकली, पालक, बींस इत्यादि के साथ ही सभी मौसमी हरि सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। इसके साथ ही अदरक और हल्दी को भी आहार में शामिल करें।

2. विटामिन D का सेवन करें (Consume Vitamin D for AMH Level)

दूध, अंडे, सूरज की किरणें विटामिन डी के मुख्य स्त्रोत है। एक अध्ययन में पाया गया है कि विटामिन डी का लेवल कम होने पर AMH का लेवल भी कम हो जाता है। ऐसे में AMH लेवल को बनाए रखने के लिए विटामिन डी से भरपूर आहार को डायट में शामिल करें।

3. फर्टिलिटी बढ़ाने वाले बीजों का सेवन करें (Eat Seeds to Improve Fertility)

तिल (Sesame Seeds) सिड्स या पंपकिन सिंगर्स को अपने आहार में शामिल करें ये आपके AMH स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।। इसे एक गिलास पानी के साथ या फिर नाश्ते में भी लिया जा सकता है।

क्या Low AMH होने पर मां बनना संभव है? (Is Pregnancy Possible with Low AMH)

AMH कम होने का सीधा असर महिला की फर्टिलिटी पर पड़ता है, जिसकी वजह से गर्भधारण करने अड़चन का सामना करना पड़ता है। इससे ओवेरियन में अंडे बनने की प्रक्रिया बाधित होती है। हालांकि की डोनर एग और IVF जैसी आधुनिक तकनीक की वजह से कम AMH लेवल होने पर भी गर्भधारण करना संभव है। हालांकि AMH लेवल कम होने के संकेत मिलने पर डॉक्टर से संपर्क करें और उनके दिशानिर्देश का पालन करें।

निष्कर्ष  

महिलाओं में AMH एक ऐसा हार्मोन हैं जो गर्भधारण करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।‌ गर्भधारण करने में समस्या होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं उनमें से एक है AMH का कम लेवल होना। AMH का लेवल कम (Low AMH in Hindi) होने पर अंडाशय में अंडे का उत्पादन कम होने लगता है या फिर अंडे की गुणवत्ता खराब होने लगती है। AMH का लेवल कम होने पर बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप अपने एएमएच स्तर को लेकर चिंतित हैं, तो 
प्रजनन विकल्पों पर अधिक मार्गदर्शन के लिए  पटना के प्रजनन विशेषज्ञ डॉ. रश्मि प्रसाद परामर्श लें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

AMH हार्मोन क्या होता है?

AMH यानी एंटी-मुलरियन हार्मोन। यह हार्मोन महिलाओं के अंडाशय में पाया जाता है। इस हार्मोन से हीं अंडाशय में अंडे का उत्पादन होता है और अंडे की गुणवत्ता भी इसी हार्मोन पर निर्भर करती है।

AMH कम होने पर क्या होता है?

AMH का कम लेवल बांझपन का एक संकेत है। इस स्थिति में ओवरी में एग्स बनने की प्रक्रिया धीमी या फिर खराब क्वालिटी के एग्स का निर्माण शुरू हो जाता है। जिसकी वजह से गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है।

अच्छी प्रेगनेंसी के लिए AMH का स्तर कितना होना चाहिए?

मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार, प्रेगनेंसी के लिए AMH का स्तर 1.0-4.0 ng/ml के बीच में होना चाहिए। हालांकि इसका कोई सटीक मापदंड नहीं है।

AMH का लेवल कम होने का कारण क्या है?

बढ़ती उम्र, PCOS, मेडिकल कंडिशन, आनुवंशिक कारण, ओवेरियन कैंसर, सर्जरी, तनाव जैसे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके निदान से ही इसके सहीं कारण का पता लगाया जा सकता है।

AMH का स्तर कैसे बढ़ाएं?

स्वास्थ्य को हेल्दी बनाएं रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटी को रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करें, वज़न का सीधा प्रभाव AMH स्तर पर पड़ता है, इसलिए वज़न को नियंत्रण में रखें और धूम्रपान से दूर रहें। इसके अलावा आहार में हरि सब्जियां, सीड्स, दूध इत्यादि शामिल करें और तनाव से दूर रहें।

क्या AMH का स्तर हर महीने बदलता रहता है?

पीरियड्स के दौरान भी महिलाओं में AMH का स्तर स्थिर रहता है। इसे मैन्स्ट्रुअल सायकिल में भी मापा जा सकता है। AMH के स्तर में छोटा-सा उतार-चढ़ाव होना सामान्य है।

AMH लेवल जानने के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है?

AMH का लेवल जानने के लिए मुख्य रूप से ब्लड टेस्ट हीं किया जाता है। हालांकि डॉक्टर के दिशानिर्देश पर हीं इसका टेस्ट करें।   

कम उम्र में AMH कम होने का क्या कारण होता है?

AMH का लेवल बढ़ती उम्र के साथ कम होने लगता है लेकिन कुछ मामलों में कम उम्र में ही AMH कम हो जाता है, जिसके लिए आनुवंशिक, ओवेरियन कैंसर, सर्जरी या कोई मेडिकल कंडिशन जिम्मेदार हो सकती है।

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