सभी दंपतियों के लिए संतान सुख दुनिया का सबसे बड़ा सुख कहलाता है। हालांकि कुछ मामलों में दंपतियों को गर्भधारण करने में असफलता का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट उन इस समस्या को दूर करने में मदद करती है जिनमें से एक ट्रीटमेंट का नाम है IUI (IUI Kya Hota Hai)। इस ट्रीटमेंट की वजह से कई दंपतियों को संतान सुख प्राप्त हुआ है।
आईयूआई क्या है? (IUI Kya Hota Hai)
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आईयूआई ट्रीटमेंट का पूरा नाम इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन (IUI full form in Hindi) है। यदि एक साल तक प्रयास करने पर भी गर्भधारण करने में सफलता न मिले तो यह इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। ऐसे में गर्भधारण करने के लिए आईयूआई ट्रीटमेंट एक अच्छा विकल्प है। इस ट्रीटमेंट में महिला के गर्भाशय में उनके पार्टनर का वीर्य प्रत्यारोपित किया जाता है, यह प्रक्रिया महिला के ओवुलेशन के दौरान की जाती है।
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आईयूआई प्रक्रिया की पूरी जानकारी (IUI Process in Hindi)
आईयूआई ट्रीटमेंट 4 सप्ताह यानी लगभग 28 दिन तक चलती हैं।
1. शारीरिक जांच
ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले महिला और उनके पार्टनर की शारीरिक जांच की जाती है। डॉक्टर निदान के लिए ब्लड टेस्ट, सीमन एनालिसिस, अल्ट्रासाउंड के लिए कह सकते हैं।
2. ओवेरियन स्टिम्युलेशन
इस प्रक्रिया में डॉक्टर 5 दिनों तक प्रजनन दवाएं या इंजेक्शन दे सकते हैं। जिससे ओवुलेशन के दौरान ज्यादा अंडे रिलीज होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि यह प्रक्रिया कुछ महिलाओं के लिए हीं हैं।
3. वीर्य प्रत्यारोपित करना
यह एक त्वरित प्रक्रिया है। इसमें डॉक्टर वीर्य महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित करते हैं। इस प्रक्रिया के बाद डॉक्टर 15 मिनट तक लेटने के लिए कह सकते हैं।
4. प्रैगनेंसी टेस्ट
वीर्य प्रत्यारोपित करने के दो सप्ताह बाद प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है।
आईयूआई ट्रीटमेंट के फायदे (Benefits of IUI Treatment in Hindi)
इन्फर्टिलिटी की स्थिति में कई लोग IUI Treatment का भी सहारा लेते हैं, हालांकि आईवीएफ ट्रीटमेंट की तुलना में आईयूआई ट्रीटमेंट के कई फायदे हैं।
- आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिला के अंडे की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है, ऐसे में ट्रीटमेंट फेल भी हो सकती है। जबकि आईयूआई ट्रीटमेंट में महिला के अंडे खराब होने की संभावना काफी कम रहती है।
- वीर्य प्रत्यारोपित करने से पहले आईयूआई ट्रीटमेंट में उसे वॉश किया जाता है, जिससे प्रोस्टाग्लैंडीन, संक्रामक एजेंट, अपरिपक्व जर्म आदि हट जाते हैं, जिससे वीर्य की क्वालिटी बढ़ती है।
- नैचुरल प्रैगनेंसी की तुलना में आईयूआई ट्रीटमेंट की सफलता दर बहुत अधिक है।
- इस ट्रीटमेंट की लागत आईवीएफ, आईसीएसाई की तुलना में बहुत कम है।
- इस ट्रीटमेंट में एनेस्थीसिया देने की जरूरत नहीं पड़ती है, इतना ही नहीं यह ट्रीटमेंट दर्द रहित होती है।
आईयूआई ट्रीटमेंट की सफलता दर (IUI Success Rate in Hindi)
आईयूआई ट्रीटमेंट की सफलता दर 10% से लेकर 30% तक है। हालांकि महिला की उम्र ज्यादा हो तो सफलता की संभावना कम रहती है। आईयूआई की सफलता निम्नलिखित कारकों के कारण बाधित हो सकती है:
- महिला की उम्र 35 से 40 साल तक हो तो सफलता की संभावना 10% रहती है।
- महिला की फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होना।
- स्पर्म की खराब क्वालिटी
आईयूआई ट्रीटमेंट की लागत (IUI Treatment Cost in Hindi)
आईयूआई ट्रीटमेंट की लागत सभी लैबोरेटरी, अस्पताल में अलग-अलग होती है। हालांकि इस ट्रीटमेंट में शारीरिक जांच, ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, ओवुलेशन ट्रीटमेंट, वीर्य वॉश करना, वीर्य प्रत्यारोपण जैसी कई प्रक्रिया शामिल हैं। ऐसे में इस ट्रीटमेंट की लागत प्रति साइकिल 5 हजार 10 हजार रूपए तक हो सकती है।
इतना ही नहीं अत्याधुनिक अस्पताल, लैबोरेटरी की लोकेशन, अनुभवी विशेषज्ञ, सफलता दर इत्यादि आईयूआई ट्रीटमेंट की लागत को बढ़ा सकता है।
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किन लोगों को आईयूआई कराने की जरूरत होती है? (Who Needs IUI Treatment in Hindi)
किसी भी जोड़े या व्यक्ति की गर्भधारण करने की क्षमता कई चीजों पर निर्भर करती है। IUI ट्रीटमेंट की उन लोगों को जरूरत होती है जो निम्नलिखित समस्याओं का सामना कर रहे हैं:
1. डोनर स्पर्म
अविवाहित महिला या फिर महिला के पार्टनर का लो स्पर्म काउंट, खराब क्वालिटी के स्पर्म है तो इस स्थिति में डोनर स्पर्म के जरिए गर्भधारण करने के लिए आईयूआई ट्रीटमेंट अच्छा विकल्प है। इन डोनर स्पर्म को प्रमाणित लैबोरेटरी से प्राप्त किया जाता है।
2. बांझपन
बांझपन की स्थिति में गर्भधारण करने के लिए आईयूआई ट्रीटमेंट पहला विकल्प है। इसके साथ ही ओवरी में ज्यादा अंडे रिलीज करने के लिए दवाएं भी दी जाती है।
3. एंडोमेट्रियोसिस
जब गर्भाशय की परतें जैसा टिशू गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है ऐसे में गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है। इस स्थिति में गर्भधारण करने के लिए आईयूआई ट्रीटमेंट का सहारा लिया जाता है।
4. सर्विक्स में समस्या
ओवुलेशन पीरियड के समय सर्विक्स म्यूकस (बलगम) रिलीज करता है, जिससे स्पर्म को वेजाइना से फैलोपियन ट्यूब में जाने में मदद मिलती है। लेकिन अगर म्यूकस गाढ़ा है, तो इससे स्पर्म की यात्रा में बाधा आ सकती है। ऐसे में आईयूआई ट्रीटमेंट की मदद से स्पर्म को सीधे हीं गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
5. ओवुलेशन में समस्या
जिन महिलाओं में ओवुलेशन की दिक्कत हो या फिर अंडे का उत्पादन कम हो गया हो तो ऐसी स्थिति में आईयूआई ट्रीटमेंट मददगार साबित हो सकती है।
आईयूआई प्रक्रिया के बाद क्या करें और क्या न करें? (Do’s and Don’ts After IUI in Hindi)
- फर्टिलाइजेशन बढ़ाने के लिए डॉक्टर आईयूआई ट्रीटमेंट के बाद हेल्दी डाइट अपनाने के लिए कह सकते हैं। बादाम, दलिया, अंडे, साबुत अनाज जैसे प्रोटीन से भरपूर आहार अपने डायट में शामिल करें।
- ट्रीटमेंट के बाद डॉक्टर के दिशानिर्देश का पालन करें और समय पर दवाएं ले। बिना डॉक्टर से परामर्श करें किसी भी दूसरी दवाएं न लें।
- तनाव से दूर रहें और कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
- शराब और सिगरेट पीने से बचें।
- वेटलिफ्टिंग न करें।
निष्कर्ष
आज के समय में बांझपन की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट कई जोड़ों को संतान सुख प्राप्त हुआ है। आईयूआई (What is IUI Treatment in Hindi) ऐसी ही एक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट हैं, जो बांझपन, लो स्पर्म काउंट, ओवुलेशन में समस्या जैसे स्थिति में गर्भधारण करने में मदद करती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
IUI ट्रीटमेंट क्या होता है?
आईयूआई ट्रीटमेंट उन जोड़ों के लिए है जिन्हें नैचुरल गर्भधारण करने में विफलता मिल रही है। इस ट्रीटमेंट में पुरुष के स्पर्म को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
IUI और IVF में क्या अंतर है?
IUI और IVF दोनों ही फर्टिलिटी ट्रीटमेंट हैं। आईयूआई ट्रीटमेंट के दौरान स्पर्म को सीधे हीं महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है, जबकि आईवीएफ ट्रीटमेंट जटिल है।
IUI की सफलता दर क्या है?
आईयूआई की सफलता दर 10 से 30% है। हालांकि की सफलता दर पर महिला की उम्र भी निर्भर करती है। अगर महिला की उम्र 35 से कम है तो सफलता दर 13%, 35 से ज्यादा है तो 10%, 38-40 के बीच है तो 9% और अगर 40 से ज्यादा है तो सफलता मिलने की संभावना 3-9% रहती है।
IUI ट्रीटमेंट के बाद क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
आईयूआई ट्रीटमेंट के बाद डॉक्टर के दिशानिर्देश का पालन करें और समय पर दवाएं ले। अपने डायट में प्रोटीन से भरपूर आहार शामिल करें और पर्याप्त आराम करें।
IUI ट्रीटमेंट की लागत कितनी होती है?
आईयूआई ट्रीटमेंट की लागत प्रति साइकिल 5 हजार 7 हजार रूपए तक हो सकती है।
IUI प्रक्रिया के बाद गर्भधारण के लक्षण कब दिखते हैं?
आईंयूआई ट्रीटमेंट के बाद आमतौर पर 2 सप्ताह में प्रेगनेंसी टेस्ट की जा सकती है हालांकि की गर्भधारण के लक्षण 4 सप्ताह के बाद दिखाई देते हैं।
क्या IUI ट्रीटमेंट दर्दनाक होता है?
जी, नहीं। आईयूआई ट्रीटमेंट दर्दनाक नहीं होता है। इतना ही नहीं इसमें मरीज को एनेस्थीसिया भी देने की जरूरत नहीं होती है।
IUI ट्रीटमेंट की लागत पटना में कितनी होती है?
पटना में IUI ट्रीटमेंट की लागत 5,000 से 10,000 रुपये प्रति साइकिल तक हो सकती है। हालांकि, अस्पताल, लैब की सुविधा, डॉक्टर की विशेषज्ञता के आधार पर यह कीमत भिन्न हो सकती है।